भारतीय महिला हॉकी टीम लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों के लिए धनराशि जमा करेगी
भारतीय महिला हॉकी टीम ने कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन (बंदी) में परेशानी का सामना कर रहे प्रवासी श्रमिकों के परिवारों की आर्थिक मदद के लिए शुक्रवार को फिटनेस चुनौती शुरुआत की। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक राष्ट्रव्यापी बंदी लागू है।
महिला हॉकी खिलाड़ियों ने देशव्यापी बंद के दौरान कम से कम 1000 परिवारों को खाना खिलाने के मकसद से जनभागीदारी के जरिए राहत कोष जुटाने का फैसला किया है। इस दौरान लोगों से सक्रिय जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
हॉकी इंडिया से जारी विज्ञप्ति में भारतीय कप्तान रानी रामपाल ने कहा, 'हर दिन हम अखबारों और सोशल मीडिया में पढ़ रहे हैं कि बहुत सारे लोग भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, हमने एक टीम के रूप में इन लोगों को मदद करने के लिए कुछ करने का फैसला किया है।’
रानी से कहा, ‘हमने सोचा कि इसके लिए एक ऑनलाइन फिटनेस चुनौती सबसे अच्छा तरीका होगा। इससे हम लोगों से राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान सक्रिय रहने का भी आग्रह कर सकते हैं। इस पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य कम से कम 1000 परिवारों के भोजन के लिए पर्याप्त धन जुटाना है।’
जनभागीदारी से प्राप्त धनराशि को दिल्ली स्थित गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) उदय फाउंडेशन को दान किया जाएगा। इसका इस्तेमाल विभिन्न स्थानों पर रह रहे प्रवासी श्रमिकों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बीमार लोगों के लिए बुनियादी आवश्यकताएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा। इसके तहत कोष का इस्तेमाल भोजन और सूखा राशन प्रदान करने के अलावा लोगों को साफ सफाई के लिए जरूरी सामान जैसे की सैनेटाइजर और साबुन भी दिया जाएगा।
इस चुनौती के तहत महिला टीम की खिलाड़ी सोशल मीडिया के जरिये कई फिटनेस (कसरत) चुनौती देते हुए दिखेंगी जिसमें बर्पी, लुंजेस, स्क्वैट्स टू स्पाइडर-मैन पुशअप्स और पोगो हॉप्स जैसे व्यायाम शामिल हैं। हर दिन खिलाड़ी एक नयी चुनौती देगी और 10 लोगों को टैग कर के इसके लिए 100 रुपये दान करने की गुजारिश करेगी।
टीम की उपकप्तान सविता ने कहा, 'हर दिन हम एक मजेदार नई चुनौती देंगे जो किसी के द्वारा भी किया जा सकता है । जो भी इस चुनौती को स्वीकार करेगा वह 100 रुपये या अधिक धनराशि दान कर सकता है। हमें पूरी उम्मीद है कि लोग इस नेक काम के लिए हमारा समर्थन करेंगे।’