झोपड़ी में लगी आग पांच जानवर जलकर हुए राख
आग लगने से झोपड़ी में बंधे पांच बकरा बकरियों की जलकर मौत हो गई ।
और झोपड़ी में रखा घरेलू सामान जलकर राख हो गया
सरसों वाले भूसा में आग लगाकर श्रीपाल ने मच्छर भगाने के लिए धुआं किया था।
इसके बाद श्रीपाल उनकी पत्नी झोपड़ी में जाकर चारपाई पर लेट गए।
अचानक तेज हवा चलने के कारण आग से चिंगारी निकली चिंगारी से झोपड़ी में आग लग गई।
आग लगते ही वृद्ध श्रीपाल व उनकी पत्नी चीखने चिल्लाने लगी। खलवारा एवं पड़ोसी गांव प्रहलादपुर के किसान अपने अपने खेतों में गेहूं की कटाई कर रहे थे। किसानों ने शोर शराबा एवं आग की लपटें उठती देख घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
और अपने अपने गांव में फोन से घटना की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही लोग बड़ी संख्या में बाइकों पर सवार होकर घटनास्थल पर पहुंच गए। झोपड़ी के सामने गांव के ही पप्पू यादव की समरसेबल लगी थी।
जानकारी मिलते ही पप्पू ने मौके पर पहुंचकर अपनी समर चलाई।
इसी समरसेबल के पानी से ग्रामीणों एवं पुलिसकर्मियों ने आग पर काबू पाया। समर से प्लास्टिक के पाइप द्वारा आग बुझाने के लिए भी पानी पहुंचाया गया। जिससे आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।
लेकिन तब तक झोपड़ी में बंधे 5 बकरा बकरियां बुरी तरह से जलकर मौत के मुंह में चले गए। चारपाई गद्दे रजाई बॉक्स में रखे कपड़े एवं खाने-पीने की चीजें भी जलकर राख हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही आनन-फानन में थाना अध्यक्ष आरके रावत ने अचरा चौकी इंचार्ज अच्छे लाल पाल हमराह सिपाही अखिलेश कुमार जादौन संजीव कुमार , चौकी के सिपाही राजनारायण आदि फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की।
आग पर काबू पाए जाने के बाद आरके रावत ने मौके पर मौजूद लोगों को दूरी बनाए रखने के लिए निर्देश दिए। और उन्होंने कहा अब आग बुझ गई है अब आप लोग अपने अपने घर जाएं।
वही मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने भी वाल्टियों से आप पर पानी डालकर आप पर काबू पाया।
सोशल डिस्टेंसिंग की ऐसे में धज्जियां उड़ गईं।
लेकिन किसानों एवं पुलिसकर्मियों ने कड़ी मेहनत कर आग पर काबू पा लिया।
यदि कुछ देर आग पर काबू नहीं पाया जाता तो खेतों में खड़ी एवं कटी पड़ी गेहूं की फसल आग से हजारों बीघा जलकर राख हो सकती थी।
पुलिस एवं ग्रामीणों ने बिल्कुल लापरवाही नहीं बरती।
इससे बड़ी घटना होने से बच गई।
यह पूरी घटना बीते शुक्रवार की रात 9:30 बजे की है।
श्रीपाल की झोपड़ी जलने के बावजूद राजस्व विभाग ने अभी तक श्रीपाल के घर जाना उचित नहीं समझा श्रीपाल मजदूरी कर अपना पेट पालता है श्रीपाल के घर में रखा सारा घरेलू सामान जलकर खाक हो गया श्रीपाल को अब एक रोज की रोटी खाने को भी लाले पड़े हैं
थाना क्षेत्र के गांव खलवारा निवासी श्रीपाल कठेरिया की गांव के बाहर खुद के खेत में झोपड़ी रखी थी।
आग लगने से झोपड़ी में बंधे पांच बकरा बकरियों की जलकर मौत हो गई ।
और झोपड़ी में रखा घरेलू सामान जलकर राख हो गया
सरसों वाले भूसा में आग लगाकर श्रीपाल ने मच्छर भगाने के लिए धुआं किया था।
इसके बाद श्रीपाल उनकी पत्नी झोपड़ी में जाकर चारपाई पर लेट गए।
अचानक तेज हवा चलने के कारण आग से चिंगारी निकली चिंगारी से झोपड़ी में आग लग गई।
आग लगते ही वृद्ध श्रीपाल व उनकी पत्नी चीखने चिल्लाने लगी। खलवारा एवं पड़ोसी गांव प्रहलादपुर के किसान अपने अपने खेतों में गेहूं की कटाई कर रहे थे। किसानों ने शोर शराबा एवं आग की लपटें उठती देख घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
और अपने अपने गांव में फोन से घटना की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही लोग बड़ी संख्या में बाइकों पर सवार होकर घटनास्थल पर पहुंच गए। झोपड़ी के सामने गांव के ही पप्पू यादव की समरसेबल लगी थी।
जानकारी मिलते ही पप्पू ने मौके पर पहुंचकर अपनी समर चलाई।
इसी समरसेबल के पानी से ग्रामीणों एवं पुलिसकर्मियों ने आग पर काबू पाया। समर से प्लास्टिक के पाइप द्वारा आग बुझाने के लिए भी पानी पहुंचाया गया। जिससे आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।
लेकिन तब तक झोपड़ी में बंधे 5 बकरा बकरियां बुरी तरह से जलकर मौत के मुंह में चले गए। चारपाई गद्दे रजाई बॉक्स में रखे कपड़े एवं खाने-पीने की चीजें भी जलकर राख हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही आनन-फानन में थाना अध्यक्ष आरके रावत ने अचरा चौकी इंचार्ज अच्छे लाल पाल हमराह सिपाही अखिलेश कुमार जादौन संजीव कुमार , चौकी के सिपाही राजनारायण आदि फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की।
आग पर काबू पाए जाने के बाद आरके रावत ने मौके पर मौजूद लोगों को दूरी बनाए रखने के लिए निर्देश दिए। और उन्होंने कहा अब आग बुझ गई है अब आप लोग अपने अपने घर जाएं।
वही मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने भी वाल्टियों से आप पर पानी डालकर आप पर काबू पाया।
सोशल डिस्टेंसिंग की ऐसे में धज्जियां उड़ गईं।
लेकिन किसानों एवं पुलिसकर्मियों ने कड़ी मेहनत कर आग पर काबू पा लिया।
यदि कुछ देर आग पर काबू नहीं पाया जाता तो खेतों में खड़ी एवं कटी पड़ी गेहूं की फसल आग से हजारों बीघा जलकर राख हो सकती थी।
पुलिस एवं ग्रामीणों ने बिल्कुल लापरवाही नहीं बरती।
इससे बड़ी घटना होने से बच गई।
यह पूरी घटना बीते शुक्रवार की रात 9:30 बजे की है।
श्रीपाल की झोपड़ी जलने के बावजूद राजस्व विभाग ने अभी तक श्रीपाल के घर जाना उचित नहीं समझा श्रीपाल मजदूरी कर अपना पेट पालता है श्रीपाल के घर में रखा सारा घरेलू सामान जलकर खाक हो गया श्रीपाल को अब एक रोज की रोटी खाने को भी लाले पड़े हैं