दिनांक 21 मई 2020 को उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के तत्वावधान में "way ahead in education " विषय पर एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया सेमिनार में देश के प्रसिद्ध शिक्षाविदों एवं उत्तर प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने covid-19 के कारण उच्च शिक्षा के संदर्भ में उत्पन्न हुई समस्याओं और उनके निदान के उपायों पर अपने विचार रखे । वेबीनार का प्रारंभ करते हुए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस गर्ग ने उच्च शिक्षा के संदर्भ में उत्तर प्रदेश मैं चल रहे प्रयासों एवं उपलब्धियों से श्रोताओं को अवगत कराया जिसके अंतर्गत ई कंटेंट डेवलपमेंट ऑनलाइन शिक्षा पद्धति में अध्यापकों एवं विद्यार्थियों की सहभागिता संबंधी सकारात्मक आंकड़े ,सभी
विश्वविद्यालयों के लिए एक समान पाठ्यक्रम ,ऑनलाइन शिक्षण के लिए वाईफाई कैंपस की आवश्यकता, बैंडविड्थ सीमा को बढ़ाया जान। साइबर सुरक्षा हेतु फायरवॉल से युक्त से होना विद्यार्थियों को टेबलेट उपलब्ध कराने की व्यवस्था किस प्रकार हो आदि बिंदु वक्तव्य का प्रमुख विषय रहे।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आकस्मिक रूप से आई हुई गोविंद 19 की समस्या के संदर्भ में शिक्षकों की ऑनलाइन शिक्षण में सक्रिय भूमिका को सराहा। डॉ शर्मा ने कहा कि वेबीनार का विषय बहुत समसामयिक है जो हमें भविष्य में उच्च शिक्षा के संदर्भ में निष्कर्षों का निर्धारण करने में सहयोग करेगा उच्च शिक्षा मंत्री महोदय ने विद्यार्थियों को प्रीलोडेड ई कंटेंट से सुसज्जित एवं आरोग्य सेतु और आरोग्य कवच से युक्त ऐसे टेबलेट के वितरण की योजना का उल्लेख किया जिससे विद्यार्थी बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी अध्ययनरत हो सके उन्होंने ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा के संदर्भ में भी चर्चा की तथा भविष्य में उच्च शिक्षा के संदर्भ में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को अवसर के रूप में ग्रहण कर शिक्षा की प्रविधियों के परिष्कार का आहवान किया।
उप मुख्यमंत्री महोदय के उद्बोधन के पश्चात प्रोफेसर एम एम पंत, भूत पूर्व कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का उद्बोधन हुआ ऋषभ पंत ने इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री महोदय द्वारा अर्थव्यवस्था में क्वांटम जंप के सापेक्ष हमें उच्च शिक्षा में भी क्रांति की आवश्यकता है शिक्षा के संदर्भ में इस क्रांति से भयभीत होने के बजाय हमेशा भागी होने की आवश्यकता है जिस प्रकार हमने मोबाइल का निर्माण कर उसके अनुप्रयोग को सहायता से आत्मसात कर लिया उसी प्रकार उच्च शिक्षा के संदर्भ में तकनीकी के प्रयोग भी सजदा से आत्मसात हो जाएंगे आवश्यकता मात्र इच्छाशक्ति की है हमारा उद्देश्य ज्ञान ऊर्जा का अर्जन होना चाहिए।
उद्बोधन के क्रम में अगले वक्ता प्रोफेसर संजय धांडे रहे जिन्होंने भारतीय परिस्थितियों के सापेक्ष उच्च शिक्षा के संदर्भ में व्यवहारिक रूप से विचार करने पर बल दिया। इस संदर्भ में उनके द्वारा सभी स्थानों पर इंटरनेट कनेक्शन की अनुपलब्धता और इस संदर्भ में सर्वेक्षण कराने की बात को उन्होंने प्रमुखता से रखा साथी डिजिटल कनेक्टिविटी और डिजिटल डिवाइस की उपलब्धता को 100% सुनिश्चित करने पर बल दिया। आर्ट्स और कॉमर्स और साइंस के परंपरागत अध्ययन अध्यापन की शैली में तकनीकी ज्ञान से दक्षता प्रदान करने हेतु महाविद्यालय में तकनीकी सहयोग प्रदान करने स्टाफ की नियुक्ति पर बल दिया। प्रोफेसर धांडे ने कहा कि मात्र पीपीटी के माध्यम से अपनी बातों को विद्यार्थियों तक पहुंचाना उचित नहीं है , ऑनलाइन शिक्षण पद्धति में अध्यापक और विद्यार्थी की परस्पर सहभागिता होनी चाहिए।
इसके पश्चात प्रोफ़ेसर बीपी शर्मा गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने यह स्थापना की उच्च शिक्षा का स्वरूप ऐसा होना चाहिए जो स्वरोजगार को बढ़ावा दे उन्होंने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना पर भी जोड़ दिया उन्होंने सनराइज टेक्नोलॉजी पर चर्चा की जरूरत तथा चीन से प्रभावित उद्योगों के पुनर्स्थापन पर बल दिया इसके साथ ही विकसित किए जाने वाले ई कंटेंट में मूल्य आधारित शिक्षा व नैतिकता ,सामाजिक उद्यम और पारिवारिक जीवन संबंधी शिक्षा को शामिल करने पर बल दिया।
चर्चा के क्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर आलोक राय ने उच्च शिक्षा के संदर्भ में कोलिज 19 इ के परिणाम स्वरूप उत्पन्न आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के संदर्भ में लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा की गई उपलब्धियों को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया।
मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा योग्य एजेंसियों के माध्यम से ई कंटेंट के विकास पर बल दिया गया साथ साथ ही कोविड 19 के कारण संपूर्ण विश्व में शिक्षा प्राप्त करने के संदर्भ में उत्पन्न असुरक्षा के भाव के परिणाम स्वरूप उत्पन्न ना पलायन को भारत के लिए शिक्षा सेवा प्रदान करने के अवसर के रूप में देखे जाने की बात की।
वेबीनार में प्रोफेसर टी एन सिंह कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी ने ऑनलाइन शिक्षण को अपर्याप्त बताया उन्होंने क्लासरूम शिक्षण के अभाव में शिक्षक एवं विद्यार्थी के बीच मनोवैज्ञानिक संबंध स्थापित ना हो सकने की बात रखी उन्होंने आगाह किया कि कहीं सोशल डिस्टेंसिंग सोशल आइसोलेशन में न बदल जाए हमें इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है इसके अतिरिक्त उच्च तकनीकी संस्थानों से उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की ऑनलाइन शिक्षण के संदर्भ में तुलना को असंगत बताते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर संसाधनों की स्थापना में आने वाले अर्था भाव पर भी अपने विचार रखे एवं शासन से समुचित आर्थिक सहयोग की अपेक्षा की। गौतम बुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ने ऑनलाइन शिक्षा में गुणवत्ता पर बल दिया उनके अनुसार हमारी लोकल एजुकेशन पॉलिसी ऐसी होनी चाहिए जिसे ग्लोबल बनाया जा सके।
प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ,कुलपति सिद्धार्थ नगर विश्वविद्यालय ने अपने वक्तव्य में इस बात पर बल दिया कि ऑनलाइन शिक्षण में पढ़ाने के तरीकों पर विचार करने के अतिरिक्त हमें इस बात पर भी बल देना चाहिए कि हमें क्या पढ़ाना है क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण विचारणीय विषय है कि अब तक हमने ऐसा क्या पढ़ाया जिसके परिणाम स्वरूप ओजोन परत का क्षरण तापमान में वृद्धि प्रकृति का दोहन जैव विविधता के ह्रास जैसे परिणाम हमारे सामने आए अतः हमें इस संदर्भ में भी विचार करने की आवश्यकता है।
अंत में उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में शिक्षा के ऐसे स्वरूप को अपनाए जाने पर बल दिया जो सामर्थ्यवान, चरित्रवान और राष्ट्र के लिए समर्पित व्यक्तित्व के निर्माण का उपाय करे। भारतवर्ष दर्शन दृष्टि और विचार के लिए जाना जाता है हमें अपनी शिक्षा के संदर्भ में इसी दर्शन दृष्टि और विचार को शामिल करना होगा वेबीनार से प्राप्त विचारों के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि तात्कालिक रूप से हमें ऑनलाइन शिक्षण की आवश्यकता है किंतु भविष्य में परिस्थितियों के परिवर्तित होने पर हमें ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण पद्धति के मिले-जुले हाइब्रिड मोड को बढ़ावा देना होगा। ऑनलाइन शिक्षण के संदर्भ में मिलने वाले सकारात्मक परिणाम विद्यार्थियों और अध्यापक दोनों की उत्साहवर्धन के लिए पर्याप्त हैं हमें इस दिशा में और आगे बढ़ने की जरूरत है कोविड 19 एक चुनौती के रूप में हमारे समक्ष आया है इस चुनौती को अवसर के रूप में बदल कर भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करना ही हम सबका उद्देश्य होना चाहिए।
अंत में पुन :प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस गर्ग द्वारा विद्वान वक्ता जनों का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन हुआ।
उक्त कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्य शिक्षा परिषद के अध्यक्ष महोदय के सहयोग हेतु हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नैनी के प्राचार्य प्रो शील प्रिय त्रिपाठी के नेतृत्व में डॉ नीतू सिंह, डॉ भास्कर शुक्ला एवं डॉ अमित कुमार मिश्र उपस्थित रहे।
रिपोर्ट मोहम्मद साबिर