उन्नाव
उच्चाधिकारियों से किया लेकिन कार्यवाही के नाम पर वही ढाक के तीन पात ।
मामला है उन्नाव जनपद के पुरवा नगर पंचायत का जहां पर सोनरइहा चौराहा से लेकर नगर पंचायत कार्यालय तक एक माह पूर्व ठेकेदारी से बनवाई गई डामर रोड पूरी तरह से उखड़ गई ।जिससे आने जाने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खास बात तो यह है अधिशासी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष के कमीशन खोरी की भेंट चढ़ चुकी डामर रोड पूरे कस्बे में घूम-घूम कर बनवाई गई जो बनते ही उखड़ना शुरू हो गई ।बड़ा यक्ष प्रश्न तो यह है इसके पूर्व की सरकारों में इस प्रकार की लूट ना तो अधिशासी अधिकारी करता था और ना ही नगर
पंचायत अध्यक्ष के द्वारा किया जाता। सूत्रों पर अगर विश्वास किया जाए तो पूर्व में भी आवाम के साथ बेईमानी व भ्रष्टाचार में लिप्त कई कार्य हुए ।लेकिन वर्तमान समय में जिस प्रकार से लूट और भ्रष्टाचार अपनी पराकाष्ठा को पार कर रहा है ।इसकी बानगी ठीक नगर पंचायत कार्यालय के सामने बनी डामर रोड को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिशासी अधिकारी एवं नगर अध्यक्ष तथा ठेकेदार की सांठगांठ से कमीशन की भेंट चढ़ चुकी डामर रोड आखिर उखड़ने क्यों लगी बात अगर सरकारी अधिकारी कर्मचारी की किया जाए तो क्या सरकार उनको तनख्वाह नहीं देती हैं ??जो अपने बच्चों का भरण पोषण कमीशन बाजी से करना चाहते हैं। या फिर नगर अध्यक्ष जो वादे और इरादे आम जनता से करके चुनाव जीत कर दूसरों की सेवा करने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हुए हैं ।क्या वह चुनाव में किए गए खर्च को डामरीकरण डामर को बचाकर पूरा करेंगे?? क्या सेवा की भावना यहीं तक सीमित रह गई है ऐसे तमाम सारे प्रश्नों का उत्तर सिलसिलेवार जन एक्सप्रेस न्यूज़ पर आपको पढ़ने को मिलेगा नगर पंचायत पुरवा में लूट और भ्रष्टाचार की परत दर परत खोलने की कहानी का आगाज अगले प्रकाशन में।
उच्चाधिकारियों से किया लेकिन कार्यवाही के नाम पर वही ढाक के तीन पात ।
मामला है उन्नाव जनपद के पुरवा नगर पंचायत का जहां पर सोनरइहा चौराहा से लेकर नगर पंचायत कार्यालय तक एक माह पूर्व ठेकेदारी से बनवाई गई डामर रोड पूरी तरह से उखड़ गई ।जिससे आने जाने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खास बात तो यह है अधिशासी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष के कमीशन खोरी की भेंट चढ़ चुकी डामर रोड पूरे कस्बे में घूम-घूम कर बनवाई गई जो बनते ही उखड़ना शुरू हो गई ।बड़ा यक्ष प्रश्न तो यह है इसके पूर्व की सरकारों में इस प्रकार की लूट ना तो अधिशासी अधिकारी करता था और ना ही नगर
पंचायत अध्यक्ष के द्वारा किया जाता। सूत्रों पर अगर विश्वास किया जाए तो पूर्व में भी आवाम के साथ बेईमानी व भ्रष्टाचार में लिप्त कई कार्य हुए ।लेकिन वर्तमान समय में जिस प्रकार से लूट और भ्रष्टाचार अपनी पराकाष्ठा को पार कर रहा है ।इसकी बानगी ठीक नगर पंचायत कार्यालय के सामने बनी डामर रोड को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिशासी अधिकारी एवं नगर अध्यक्ष तथा ठेकेदार की सांठगांठ से कमीशन की भेंट चढ़ चुकी डामर रोड आखिर उखड़ने क्यों लगी बात अगर सरकारी अधिकारी कर्मचारी की किया जाए तो क्या सरकार उनको तनख्वाह नहीं देती हैं ??जो अपने बच्चों का भरण पोषण कमीशन बाजी से करना चाहते हैं। या फिर नगर अध्यक्ष जो वादे और इरादे आम जनता से करके चुनाव जीत कर दूसरों की सेवा करने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हुए हैं ।क्या वह चुनाव में किए गए खर्च को डामरीकरण डामर को बचाकर पूरा करेंगे?? क्या सेवा की भावना यहीं तक सीमित रह गई है ऐसे तमाम सारे प्रश्नों का उत्तर सिलसिलेवार जन एक्सप्रेस न्यूज़ पर आपको पढ़ने को मिलेगा नगर पंचायत पुरवा में लूट और भ्रष्टाचार की परत दर परत खोलने की कहानी का आगाज अगले प्रकाशन में।