बीते दिन जनपद कासगंज में गिरफ्तार होने वाली 25 जिलों में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी कर रही अनामिका शुक्ला जनपद फर्रुखाबाद के विकासखंड कायमगंज की रहने वाली है अनामिका शुक्ला का वास्तविक नाम सुप्रिया जाटव पुत्री महिपाल सिंह जाटव है जो कायमगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत रजपालपुर की रहने वाली है
इस संबंध में जब जांच पड़ताल उसके पैतृक गांव में जब जांच पड़ताल पहुंची वहीं पर पिता महिपाल सिंह का कहना है कि इसकी जानकारी मुझे हुई तभी हम ने अपनी लड़की को बताया कि आपके बारे में ऐसी बातें अपने गांव में चल रही है तभी हमने अपनी बेटी को जनपद कासगंज के बीएसए कार्यालय पर जाने को कहा और हमने कहा कि आप वहां जाकर के इस्तीफा दे दो तभी मेरी बेटी वहां पर जैसे ही पहुंची वहां पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया वहीं पर पिता से और जानकारी ली गई तभी बताया कि हमारी बेटी ने लगभग 2 वर्ष पूर्व कायमगंज के शकुंतला देवी महाविद्यालय से बीए उत्तीर्ण किया था इससे पहले हमारे गांव के पास भटासा गांव से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी उसके बाद एक लड़का नीतू नाम का हमारे घर पर आने जाने लगा जिसने अपने आप को एक शिक्षक बताया था जो जनपद मैनपुरी का रहने वाला है उसी ने पुत्री सुप्रिया को नौकरी में लगवाने की बात कही तथा नौकरी में लगवाने की बात होने पर ₹50000 पहले ही जमा करा लिए थे और उन्होंने बताया कि हमसे ₹50000 एडवांस में लिए थे और हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि हमारे साथ ऐसा छलावा हो रहा है हमारी दैनिक स्थिति कमजोर होने के कारण हमने उस लड़के पर विश्वास कर लिया कि हमारी बेटी नौकरी में लग जाएगी है हमारे घर का गुजारा होने लगेगा इसी बात को देखते हुए हमने उसे इधर उधर से करके रुपए दे दिए और डेढ़ लाख रुपए की बात हुई थी बाकी रुपए उस लड़के ने कहा था कि हम आपकी सैलरी से काट लूंगा तभी हमने उस लड़के पर विश्वास कर लिया और मुझे इस बात की नहीं जानकारी हुई कि हमारी बेटी 25 जनपदों में नौकरी कर रही है पिला दे तो जांच का विषय है उन्होंने यह भी बताया कि जब इस बात की जानकारी हुई तो पुत्री को बीते कल जनपद कासगंज बीएसए कार्यालय भेजा था वहीं पर मेरी पुत्री को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया वहीं पर गांव वालों के अनुसार सुप्रिया का परिवार बहुत गरीब है इनके पिता के पास 2 बीघा जमीन है मजदूरी मेहनत करके अपने बच्चों का पाल पोषण करते हैं वहीं पर पिता का कहना है कि मेरी पुत्री की जब से नौकरी लगी है तब से केवल मुझे उसने सिर्फ ₹50000 ही दिए हैं बाकी के रुपए कहां गए किसके पास है मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है अब देखना यह दिलचस्प हो गया कि उत्तर प्रदेश में योगी जी के शासनकाल में इतना बड़ा शिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती पर शिक्षा माफिया जोड़ों पर पनप रहे हैं भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार भले ही भ्रष्टाचार पर नकेल कस रही हो लेकिन ऐसे माफिया आए दिन रुपए ऐंठ ने में लगे हुए हैं शिक्षा माफिया इस कदर हावी है कि वह एक ही व्यक्ति को पश्चिम जिलों में तैनाती भी दिलवा सकते हैं आज तक ऐसा कभी देखने को नहीं मिला ऐसे रामराज्य और भाजपा सरकार में देखने को मिल रहा है खैर जो भी हो फिलहाल में अनामिका शुक्ला अब सलाखों के पीछे हैं 69000 शिक्षक भर्ती में भी रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं जो निश्चित ही उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान आ लगा रहे हैं जबकि भाजपा सरकार पूरी तरह पारदर्शिता की बात कर रही है लेकिन विभाग के ही कुछ लोग सरकार की शाख पर बट्टा लगाने में बिल्कुल भी नहीं चूक रहे हैं
ब्यूरो रिपोर्ट परिमाल सिंह
टाइम टी वी न्यूज