जितेंद्र कुमार ब्यूरो चीफ चंडीगढ़
नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के अयोध्या वाले बयान पर शिवसेना हिंदुस्तान के पंजाब राज्य सचिव एवं चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह चौहान ने जोरदार पलटवार करते हुए नेपाली पीएम पर निशाना साधा है और उन पर चीन के कठपुतली बन जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चीन के प्रभाव में आकर नेपाल, भारत के साथ अपने धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भूल चुका है।
अजय सिंह चौहान ने नेपाली पीएम ओली को हिंदूद्रोही तक करार दिया है। गौरतलब है कि नेपाल के आधिकारिक रूप से इस मामले में अपने पीएम के बयान से किनारा करने के बावजूद भारत में हर वर्ग के लोगों में बहुत ज्यादा नाराजगी है। नेपाली पीएम ओली को चीन की कठपुतली बताया। असली अयोध्या नेपाल में होने के नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा के बेतूके बयान पर अजय सिंह चौहान ने जोरदार हमला किया है। हालांकि, नेपाल आधिकारिक तौर पर खुद अपने प्रधानमंत्री के बयान से पीछे हट चुका है, लेकिन अजय सिंह चौहान ने ने इसके बावजूद नेपाली प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली है। उन्हीने कहा है कि वो तो यह भी दावा कर सकते हैं कि मुगल शासक बाबर भी नेपाली था। भगवान राम तो पूरे विश्व के हैं, लेकिन अयोध्या में जहां भगवान का जन्म हुआ, वह भारत की है। नेपाल चीन के करीब जाने के बाद भारत के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भुला चुका है। ओली कल को बाबर को भी नेपाली बताएंगे। अजय सिंह चौहान ने कहा कि, ‘ओली ने नेपाल और हिंदू संस्कृति को चीन के सामने समर्पण कर दिया है।’ शास्त्रों में वर्णन है कि सरयू नदी अयोध्या में बहती है, जो कि उत्तर प्रदेश में है न कि नेपाल में और सरयू नदी भी राम मंदिर के लिए लड़ने वाले कार सेवको के रक्त से लाल हो चुकी थी। आज उन्होंने अयोध्या और भगवान राम को नेपाली बताया है। कल वो बाबर के भी नेपाली होने का दावा करेंगे। भगवान राम पूरे विश्व के हैं, लेकिन राम जन्मभूमि अयोध्या सिर्फ भारत की है।’ नेपाली पीएम ओली को ‘हिंदूद्रोही’ बताते हुए अजय सिंह चौहान ने भारत-विरोधी कदम उठाने के लिए भी ओली पर हमला किया है और उन्हें हिंदूद्रोही तक कह दिया है। अगर भगवान राम आज नेपाल में होते तो जिस तरह से उन्होंने रावण का वध किया और उसके पापों का नाश किया, वह हिंदूद्रोही ओली के मामले में भी ऐसा ही करते।’ असल में सोमवार को नेपाली पीएम ओली ने दावा किया था कि असली अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि दक्षिण नेपाल के ठोरी में है, जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। उनके इस बयान की नेपाल में भी कड़ी आलोचना हुई और कई नेपाली नेताओं ने उनसे इस विवादास्पद बयान को वापस लेने की मांग की। बाद में नेपाली विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी करके पीएम ओली के बयान से किनारा करने की कोशिश की थी। बाबरी पक्षकारों में भी ओली से नाराजगी बड़ी बात ये है कि ओली के बयान से भारत और नेपाल के हिंदुओं में गुस्सा भड़कना तो लाजिमी है, लेकिन रामनगरी अयोध्या के मुस्लिम नेताओं ने भी उनके बयान पर सख्त आपत्ति जताई है। बाबरी मस्जिद आंदोलन से जुड़े प्रमुख पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है, ‘अगर इस मामले पर भगवान हनुमान नाराज हो जाएं तो वह अपनी गदा की एक एक चोट से ही नेपाल को तबाह कर देंगे। आखिरकार भगवान राम जहां भी जाते हैं, वो उनके साथ जाते हैं।’ अंसारी के मुताबिक नेपाली पीएम को पता ही नहीं है कि अयोध्यानगरी की देश और दुनिया में क्या महत्त्व है।
नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के अयोध्या वाले बयान पर शिवसेना हिंदुस्तान के पंजाब राज्य सचिव एवं चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह चौहान ने जोरदार पलटवार करते हुए नेपाली पीएम पर निशाना साधा है और उन पर चीन के कठपुतली बन जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चीन के प्रभाव में आकर नेपाल, भारत के साथ अपने धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भूल चुका है।
अजय सिंह चौहान ने नेपाली पीएम ओली को हिंदूद्रोही तक करार दिया है। गौरतलब है कि नेपाल के आधिकारिक रूप से इस मामले में अपने पीएम के बयान से किनारा करने के बावजूद भारत में हर वर्ग के लोगों में बहुत ज्यादा नाराजगी है। नेपाली पीएम ओली को चीन की कठपुतली बताया। असली अयोध्या नेपाल में होने के नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा के बेतूके बयान पर अजय सिंह चौहान ने जोरदार हमला किया है। हालांकि, नेपाल आधिकारिक तौर पर खुद अपने प्रधानमंत्री के बयान से पीछे हट चुका है, लेकिन अजय सिंह चौहान ने ने इसके बावजूद नेपाली प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली है। उन्हीने कहा है कि वो तो यह भी दावा कर सकते हैं कि मुगल शासक बाबर भी नेपाली था। भगवान राम तो पूरे विश्व के हैं, लेकिन अयोध्या में जहां भगवान का जन्म हुआ, वह भारत की है। नेपाल चीन के करीब जाने के बाद भारत के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भुला चुका है। ओली कल को बाबर को भी नेपाली बताएंगे। अजय सिंह चौहान ने कहा कि, ‘ओली ने नेपाल और हिंदू संस्कृति को चीन के सामने समर्पण कर दिया है।’ शास्त्रों में वर्णन है कि सरयू नदी अयोध्या में बहती है, जो कि उत्तर प्रदेश में है न कि नेपाल में और सरयू नदी भी राम मंदिर के लिए लड़ने वाले कार सेवको के रक्त से लाल हो चुकी थी। आज उन्होंने अयोध्या और भगवान राम को नेपाली बताया है। कल वो बाबर के भी नेपाली होने का दावा करेंगे। भगवान राम पूरे विश्व के हैं, लेकिन राम जन्मभूमि अयोध्या सिर्फ भारत की है।’ नेपाली पीएम ओली को ‘हिंदूद्रोही’ बताते हुए अजय सिंह चौहान ने भारत-विरोधी कदम उठाने के लिए भी ओली पर हमला किया है और उन्हें हिंदूद्रोही तक कह दिया है। अगर भगवान राम आज नेपाल में होते तो जिस तरह से उन्होंने रावण का वध किया और उसके पापों का नाश किया, वह हिंदूद्रोही ओली के मामले में भी ऐसा ही करते।’ असल में सोमवार को नेपाली पीएम ओली ने दावा किया था कि असली अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि दक्षिण नेपाल के ठोरी में है, जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। उनके इस बयान की नेपाल में भी कड़ी आलोचना हुई और कई नेपाली नेताओं ने उनसे इस विवादास्पद बयान को वापस लेने की मांग की। बाद में नेपाली विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी करके पीएम ओली के बयान से किनारा करने की कोशिश की थी। बाबरी पक्षकारों में भी ओली से नाराजगी बड़ी बात ये है कि ओली के बयान से भारत और नेपाल के हिंदुओं में गुस्सा भड़कना तो लाजिमी है, लेकिन रामनगरी अयोध्या के मुस्लिम नेताओं ने भी उनके बयान पर सख्त आपत्ति जताई है। बाबरी मस्जिद आंदोलन से जुड़े प्रमुख पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है, ‘अगर इस मामले पर भगवान हनुमान नाराज हो जाएं तो वह अपनी गदा की एक एक चोट से ही नेपाल को तबाह कर देंगे। आखिरकार भगवान राम जहां भी जाते हैं, वो उनके साथ जाते हैं।’ अंसारी के मुताबिक नेपाली पीएम को पता ही नहीं है कि अयोध्यानगरी की देश और दुनिया में क्या महत्त्व है।