लखनऊ पुलिस का क्रूरतम, दुर्दांत व संविधान की आत्मा को कुचलने वाला चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पूरा लेख पढ़ें एक-एक बिंदु पीड़ित पक्ष के द्वारा बातचीत पर आधारित है - Time TV Network

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लखनऊ पुलिस का क्रूरतम, दुर्दांत व संविधान की आत्मा को कुचलने वाला चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पूरा लेख पढ़ें एक-एक बिंदु पीड़ित पक्ष के द्वारा बातचीत पर आधारित है




         इटौंजा थाने के अंतर्गत भीखमपुर गांव में गोविंद लोधी के घर के सामने दो भाई पासी समाज के आपस में मारपीट कर रहे थे,
मारपीट गोविंद के घर के ठीक सामने हो रही थी जिसमें बड़ा भाई अपने साथी के साथ छोटे भाई को बुरी तरह पीट रहा था इसको देखकर गोविंद और उनके दो अन्य साथियों ने झगड़े को समाप्त कराने के लिए दखल दिया और दोनों भाइयों को छुड़ा दिया ।

इस पर बड़े भाई ने डायल 112 पर फोन करके पुलिस बुला ली और पुलिस गोविंद लोधी व अन्य दो को उठाकर थाने ले गई थाने पर गोविंद की पत्नी व उनका लड़का थाना प्रभारी से छोड़ देने की फरियाद करते रहे तथा उसी दिन शाम को बख्शी तालाब तहसील से जमानत के पेपर लाकर भी दिए लेकिन थाना इंचार्ज महोदय वर्दी की गर्मी में तीनों की बहुत बुरी तरह पिटाई करते रहे और पत्नी तथा लड़के से कहा कि ज्यादा नेतागिरी करोगे तो महिला पुलिस से आप की भी पिटाई करवाएंगे और मुकदमा लगाकर जेल में ठूंस देंगे फिर करते रहना नेतागिरी, इस तरह उन्होंने धमका कर पत्नी और लड़के को घर भेज दिया और गोविंद तथा अन्य साथियों की थाने में रात भर जमकर पिटाई की, गोविंद लोधी जोकि शरीर से कमजोर थे पुलिस की मार सहन नहीं कर सके और 2 दिन बाद उनकी डालीगंज स्थित केके हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई....

साथियों लखनऊ जैसे जनपद में राजधानी से सटे गांव की यह घटना कर्नाटक के तूतीकोरिन की घटना से कम जघन्य नहीं है ऐसे में सभी सजग नागरिकों का फर्ज बनता है गोविंद लोधी के साथ जो हुआ वह किसी अन्य के साथ न होने पाए इसके लिए दोषी पुलिसकर्मियों को सजा मिले इसके लिए सभी सजग नागरिक मिलकर आवाज़ उठाएं और खासकर मेरी सभी अधिवक्ता भाइयों से विशेष अपील है ऐसे दोषी अपराधी किस्म के वर्दी के घमंड में चूर रहने वाले पुलिस कर्मियों पर कठोर कार्रवाई हो जिससे उनके अंदर कानून का भय पैदा हो...

महेंद्र कुमार...
अधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद,
अध्यक्ष- सामाजिक चेतना फाउण्डेशन ,


व्यूरो रिपोर्ट
नीलम राजपूत
कानपुर

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