गत दिनों से बॉलीवुड़ में जो बवाल मची हुई है मीडिया जिस तरीके से एक एक किस्से उजागर कर रहा है जिसमें काफी कुछ बड़े बॉलीवुड के लोग भी शामिल है उस ड्रग कल्चर को लेकर हमारी बात मुंबई स्थित मशहूर मॉडल अभिनेत्री निशा यादव से हुई जिसमे निशा ने बताया कि पहले मी टू चला जिसे राज कपूर ने प्रचलित किया था अभिनेत्रियो का जातीय शोषण फिर वो ट्रेंड बनता चला गया और उसका परिणाम मी टू आया अब ड्रग का सेवन करने वाला सबसे पहले बॉलीवुड में कोई व्यक्ति था तो वो संजू बाबा था । तब इतना मीडिया नही था न ही सोशल
नेटवर्किंग की साइट्स और किस्से सिर्फ मुख्य टैब्लॉयड तक कि प्रिंट होते थे पर्सनल इंटरव्यू के जरिये । अब जब नए लोग बॉलीवुड में आते है तो स्ट्रेस डिप्रेशन का शिकार हो जाने से ड्रग्स की तरफ उनका झुकाव होने लगता है रिलीफ लेने के लिए पार्टियो में ये हानिकारक द्रव्य इनको दिए जाते है और फिर इनको इन व्यसनों का आदि बना दिया जाता है जिसके जरिये युवा अंदर से खत्म हो जाता है । इन पदार्थों के सेवन के बाद क्षणिक एक आत्मविश्वास पैदा हो जाता है उनमें और खुशी मिलती है। पर बाद में इसके दुष्परिणाम भी इनको भुगतने पड़ते है। खास कर अभिनेत्री निशा हमारे युवा वर्ग से यही अपील करती है मीडिया के जरिये की इन मशहूर अभिनेता अभिनेत्रियो की देखा देखी न करके ऐसे हानिकारक ड्रग्स से दूर रहे वरना जिंदगी आपको ऐसे मोड़ पर ले जाएगी जहाँ सिर्फ अंधेरा दुख और ग्लानि के सिवा कुछ भी नही है । भारतीय संस्कृति में कही भी इन भयंकर वस्तुओ का जिक्र नही है सोमरस का उल्लेख मिलता है वेदों में पर वो दारू नही है एक औषधीय अमृत पेय है जिसे पश्चिम जगत ने दारू के नाम के साथ जोड़ कर युवा को D कल्चर ( दारू ड्रग ) अपनाने के लिए प्रेरित किया । अपने दिमाग का इस्तेमाल करे अपने परिवार से प्यार करे अपनी अमूल्य जिंदगी को बर्बाद न करे । हमारी निशा के साथ हुई बातचीत में यही कहकर अभिनेत्री ने भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए यह एक साज़िश चल रही है ।इसी पर उन्होंने अपने तर्क प्रस्तुत किये है