उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े एक केस को वापस लेने के लिए अर्जी दाखिल की है। इनमें 3 मौजूदा बीजेपी विधायक भी हैं, जिन पर सितंबर 2013 में नगला मंदोर गांव में आयोजित महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। शीखेड़ा थाने में दर्ज इस केस में सरधना से विधायक संगीत सोम, शामली के थाना भवन से विधायक सुरेश राणा, मुजफ्फरनगर सदर से विधायक कपिल देव अग्रवाल और हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची भी आरोपी हैं।
जानकारी के मुताबिक, सरकारी वकील राजीव शर्मा ने बताया कि इस मामले में केस वापसी के लिए सरकार की तरफ से मुजफ्फरनगर की एडीजे कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने फिलहाल इस पर सुनवाई नहीं की है। तलब है कि 27 अगस्त 2013 को कवाल गांव में सचिन और गौरव नाम के दो युवकों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। दोनों पर शाहनवाज़ कुरैशी नाम के युवक को मारने का आरोप था। सचिन और गौरव की हत्या के बाद 7 सितंबर 2013 को नगला मंदोर गांव इंटर कॉलेज में जाटों द्वारा महापंचायत बुलाई गई थी। शीखेड़ा थाना इंचार्ज चरण सिंह यादव द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर में तीनों बीजेपी विधायकों संगीत सोम, कपिल देव अग्रवाल, सुरेश राणा, साध्वी प्राची व अन्य पर भड़काऊ भाषण देकर एक समुदाय विशेष के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया है।
ब्यूरो रिपोर्ट टाइम टीवी न्यूज़