फर्रुखाबाद 13 दिसम्बर। प्राप्त समाचार के अनुसार
भाजपा विधायक सुशील शाक्य ने आज साजिश रचने वाले विरोधियों को करारा जबाब दिया है।
उन्होने अपने आवास पर मीडिया को बताया कि जमीन खरीददारी में फर्जीवाडा नही किया गया है। पत्नी ने 24 मार्च 2005 को ग्राम भोपतपट्टी निवासी सुरेश चन्द्र की 13 डिसमिल जमीन का बैनामा कराया था। सुरेश चन्द्र के साथ ही गांव के सुधीर मोहन कटियार, चकबंदी अधिकारी के 7 अप्रैल 2003 आदेश के तहत गाटा संख्या 203 के भूमिधरी संक्रमणीय मालिक थे।
6 मार्च 2013 को नायब तहसीलदार ने विक्रेता का नाम खारिज कर खरीददार उषा शाक्य का नाम अंकित कर दिया था। इस कार्य में कही भी षडयंत्र एवं अवैधानिक कार्य नही किया गया। सपाईयों ने सत्यनरायण को मोहरा बनाकर उसे अदालत में पेश किया। सत्यनरायण ने गलत तथ्यों के आधार पर मेरी पत्नी सहित 9 लोगों के विरूद्ध झूठा मुकदमा अदालत के आदेश पर दर्ज कराया है। जिससे मेरी व परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का असफल प्रयास किया गया है।
मुकदमे की जांच से सच्चाई सामने आ जायेगी, तब मै षडयंत्रकारियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करूंगा। श्री शाक्य ने सबालों के जबाब में बताया कि यदि पूर्व में इस जमीन में फर्जीबाडा किया गया होगा तो उसकी मुझे कोई जानकारी नही है। कभी भी जांच के दौरान हमसे पूछताछ नही की गई। अब पता चला है कि तहसीलदार ने विवादित जमीन को तालाब घोषित कर दिया है।
सुधीर मोहन कटियार की मौत के बाद उनकी पत्नी व पुत्र शरद कटियार का नाम विरासत में आया है। मुझे आशंका है कि इस मामले में पत्रकार शरद कटियार टारगेट थे। इसी लिये विवाद में मेरी पत्नी का नाम शामिल किया गया है। मुझे तो इस मामले में शरद कटियार का भी उत्पीडन दिख रहा है। जमीन को लेकर राजस्व अभिलेखों में फर्जीवाडा करने वाले दोषी है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, हम धोखेबाजी के शिकार हुये है।
श्री शाक्य ने बताया कि मेरे विरूद्ध षडयंत्र में अधिवक्ता भी शामिल है। जो इस तरह के कई मुकदमे लिखवाने के लिये चर्चित है। उन्होने बताया कि मुझे अखबार में समाचार पढकर घटना की जानकारी हुई। मुझे अभी तक एफआईआर भी पढने को नही मिली है। वार्ता के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता डा0 भूदेव राजपूत मौजूद रहे।
ब्यूरो चीफ सोनू राजपूत की रिपोर्ट