लखनऊ। यूपी में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। प्रदेश में चुनाव कराने की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं।
पंचायत चुनाव को लेकर कई जिलों में कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर भी काम शुरू हो गया। आयोग ने निर्वाचन कार्यालयों को ई-बुक जारी कर दिया है, जिसमें चुनाव लड़ने वालों के लिए दिशा निर्देश हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रधान पद के प्रत्याशी 75 हजार तो जिला पंचायत सदस्य डेढ़ लाख तक खर्च कर सकेंगे। इसी बीच खबर है कि पंचायतीराज निदेशालय ने त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों के आरक्षण का फॉर्मूला शासन को भेज दिया है।
माना जा रहा है कि ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का आरक्षण नए सिरे से होगा। पिछली बार अनुसूचित जाति या अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित पंचायतों को इस बार इन वर्गों के लिए आरक्षण नहीं मिलेगा। यानी इस बार अन्य को मौका मिलेगा। हालांकि, इस पर मंथन जारी है। लेकिन फॉर्मूला बनाया गया है कि एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस ब्लॉक में अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में अवरोही क्रम में आवंटित की जाएगी। बता दें कि जिला पंचायतों के अध्यक्ष पद पर आरक्षण संबंधी कार्यवाही शासन करेगा जबकि डीएम आरक्षण निर्धारित करेगा।
ब्यूरो रिपोर्ट टाइम टीवी न्यूज़