भारत में लोग सर्दियों के मौसम में पुस्तक मेलों और प्रदर्शनियों में जाने के लिए उत्सुक रहते हैं। इस बार कोविड प्रतिबंधों के कारण बहुत कम प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। हालांकि, पांडिचेरी और कोलकाता इसके अपवाद रहे, जहां कोविड सावधानियों का ध्यान रखते हुए पुस्तक मेलों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत के फालुन दाफा अभ्यासियों ने इन मेलों में भाग लिया और लोगों को इस अनोखे आध्यात्मिक अभ्यास से अवगत किया।
फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग के नाम से भी जाना जाता है) एक प्राचीन साधना अभ्यास है जिसमें पांच सौम्य व्यायाम सिखाये जाते हैं जिसमें ध्यान भी शामिल है। फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया। आज, 90 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग इसका अभ्यास कर रहे हैं। लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां 20 जुलाई 1999 से इसका दमन किया जा रहा है जो आज तक जारी है।
पांडिचेरी - 24 वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला
दिसंबर में आयोजित 24 वें राष्ट्रीय पांडिचेरी पुस्तक मेले में बड़ी संख्या में लोगों ने फालुन दाफा स्टॉल का दौरा किया। कई लोगों ने फालुन दाफा अभ्यास सीखा और इसकी पुस्तकें खरीदीं। लोगों को अभ्यास सम्बंधित जानकारी और कागज के बने कमल पुष्प भी वितरित किए गए। अनेक आगंतुकों ने फालुन दाफा अभ्यास सीखने में रुचि दिखाई और यह सुनकर अचरज किया कि यह अभ्यास पूरी तरह से नि:शुल्क सिखाया जाता है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री पलानीस्वामी, न्याय मंत्रालय के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति फालुन दाफा स्टाल पर आये। चीन में फालुन दाफा अभ्यासियों पर हो रहे क्रूर दमन के बारे में सुनकर वे हैरान रह गए। गणमान्य लोगों ने अभ्यासियों से कहा कि फालुन दाफा को पांडिचेरी के स्कूलों में भी सिखाया जाए।
न्यूटाउन में कोलकाता पुस्तक मेला
इस वर्ष मार्च में पुस्तक मेले का आयोजन कोलकाता के समीप न्यूटाउन में किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने फालुन दाफा स्टाल का दौरा किया और अभ्यास सीखने की इच्छा दिखाई।
70 विभिन्न बुक स्टालों के बीच, फालुन दाफा का स्टॉल अलग से दिकाई पड़ रहा था क्योंकि इसे कागज के कमल पुष्पों, चित्रों और बैनरों से सुसज्जित किया गया था। स्टाल पर मुख्य आकर्षण बंगाली और अंग्रेजी भाषा में ज़ुआन फालुन और फालुन गोंग पुस्तकें थीं, जिनका 40 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है और दुनिया भर में बेस्टसेलर में से एक माना जाता है।
एक व्यक्ति जिसने 2019 में पुस्तक खरीदी थी और अभ्यास सीखा था, उसने अपने चमत्कारी स्वास्थ्य लाभों को लोगों के साथ साझा किया। उसके अद्भुत अनुभव ने अनेक लोगों को प्रभावित किया।
भारतीय फालुन दाफा अभ्यासी निस्वार्थ रूप से देश भर में इस अनोखे अभ्यास का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। फालुन दाफा लोगों को अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने, उनके मन को शांत करने और जीवन में सही राह दिखाने में मदद कर रहा है। यदि आप यह अभ्यास सीखने के इच्छुक हैं, तो www.learnfalungong.in पर नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। इस अभ्यास के बारे में अधिक जानकारी आप www.falundafa.org पर देख सकते हैं।