आपने सुबह पार्क में लोगों को धीमी गति में व्यायाम और ध्यान क्रियाएँ करते देखा होगा। यह फालुन दाफा ध्यान अभ्यास है जिसके बारे में आज हम बताएँगे। फालुन दाफा अभ्यास को देशभर के सभी मुख्य शहरों में सिखाया जा रहा है और यह आजकल बहुत लोकप्रिय हो रहा है।
फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है) मन और शरीर का एक प्राचीन साधना अभ्यास है। इसे पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा आरम्भ किया गया था। आज, 90 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग फालुन दाफा का अभ्यास कर रहे हैं।
फालुन दाफा बुद्ध तथा ताओ विचारधारा पर आधारित अभ्यास है। फालुन दाफा में मन की साधना का अर्थ है नैतिक गुण की साधना यानि जीवन में सत्य – करुणा – सहनशीलता के नियमों का पालन करना। शरीर की साधना के लिए इस पद्धति में 5 व्यायाम सिखाये जाते हैं, जो इस प्रकार हैं:
व्यायाम 1: बुद्ध सहस्त्र हस्त प्रदर्शन व्यायाम
यह व्यायाम शरीर की सभी शक्ति नाड़ियों को खोलता है जिससे शरीर में शक्ति का प्रवाह निर्विघ्न हो सके। इस व्यायाम का अभ्यास करते हुए शरीर गर्माहट महसूस करेगा तथा एक अनूठी अनुभूति का अनुभव होगा जैसे वहां एक बहुत प्रभावशाली शक्ति क्षेत्र है।
व्यायाम 2: फालुन स्थिर मुद्रा व्यायाम
यह शांत भाव में खड़े रहने का व्यायाम है जिसमें चक्र को थामने की चार मुद्राएं है। यह व्यायाम सारे शरीर को पूरी तरह खोल देता है व शक्ति सामर्थ्य को बढ़ाता है।
व्यायाम 3: ब्रह्मांड के दो छोरों का भेदन व्यायाम
यह व्यायाम विश्व की शक्ति का शरीर की भीतरी शक्ति के साथ विलय करता है। बहुत ही कम समय में अभ्यासी रोगग्रस्त ची अपने शरीर से बाहर निकाल सकते हैं तथा समुचित मात्रा में ब्रह्मांड कि शक्ति अंदर ले सकते हैं, जिससे उनका शरीर निर्मल और शुद्ध होता है।
व्यायाम 4: फालुन दिव्य परिपथ व्यायाम
यह व्यायाम महान दिव्य परिपथ को सक्रिय करता है। यह मानव शरीर कि सभी असामान्य परिस्थितियों को ठीक करता है। यह व्यायाम शक्ति नाड़ियों और महान व लघु दिव्य परिक्रमाओं को खोलने की साधारण विधियों की अपेक्षा कहीं श्रेष्ठ है।
व्यायाम 5: दिव्य शक्तियों को सुदृढ करने का व्यायाम
यह अभ्यास बैठकर करने वाला एक उच्च स्तरीय ध्यान अभ्यास है, जो व्यक्ति के शक्ति सामर्थ्य और दिव्य शक्तियों को सुदृढ करता है।
चीन में दमन
फालुन गोंग का अभ्यास आज दुनिया भर में लोकप्रिय है। लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इसका 1999 से द्वारा दमन किया जा रहा है जो आज तक जारी है। पिछले 21 वर्षों से फालुन दाफा अभ्यासी इस दमन के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं और दुनिया भर के लोगों को इससे अवगत करा रहे हैं।
फालुन दाफा भारत में
हमारे देश में भी हजारों लोग दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, नागपुर, पुणे आदि शहरों में फालुन दाफा का अभ्यास कर रहे हैं। अनेक स्कूलों में इसका नियमित अभ्यास किया जाता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव विद्यार्थियों के परीक्षा परणामों, नैतिक गुण और शारीरिक स्वास्थ्य में दिखाई पड़ता है। मुंबई के अनेक फैशन मॉडल्स भी अपने भागदौड़ भरे जीवन में स्थिरता और तनावमुक्ति के लिए फालुन दाफा को अपना रहे है। कोरोना काल में चूंकि बाहरी गतिविधियाँ सीमित हैं, इसलिए इसे ऑनलाइन भी सिखाया जा रहा है।
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