( मिडिया हाउस ).........
यूपी के जनपद कासगंज में कोविड-19 से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना भी जरूरी है। वर्तमान समय की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बच्चों का विशेष ध्यान रखना बहुत आवश्यक है | नवजात बच्चों के लिए मां का दूध ऐसा स्रोत है, जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसलिए नवजात बच्चों को मां स्तनपान अवश्य कराएं। इस दौरान वे ये ध्यान रखें की वे स्वयं कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें स्तनपान कराते समयमास्क अवश्य पहनें । सीएचसी अशोकनगर पर तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. मारुती महेश्वरीने कहा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बच्चे को स्तनपान कराएं और बच्चे में किसी भी तरह के लक्षण दिखाई दे तो चिकित्सीय सलाह अवश्य लें | स्तनपान कराने से पहले मां को अपने हाथों को साबुन से अच्छी प्रकार से धो लेना चाहिए | कोरोना महामारी में अपने बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए मां का सतर्क रहना अति आवश्यक है ।
डॉ. मारुती महेश्वरी बताया कि अगर माँ को कोविड पॉजिटिव हो गई है तो भी कोविड प्रोटोकॉल के साथ बच्चे का स्तनपान जारी रखा सकती हैं । स्तनपान कराते वक्त मां को बचाव के उपायों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे- मास्क पहनें, स्तनपान से पहले स्तन को अच्छी तरह से साफ कर लें।
उन्होंने बताया कि खांसने या छींकने पर बूंदों और एरोसेल के माध्यम से फैलता है. यदि मां पूरी सावधानी के साथ अपने स्वच्छता व्यवहार पर ध्यान दें तो स्तनपान करने पर भी संक्रमण से बचा जा सकता है |
उन्होंने बताया कि "बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर पीला गाढ़ा दूध पिलाना जरूरी होता है, क्योंकि वही उसका पहला टीका होता है जो कि कोरोना जैसी कई बीमारियों से बच्चों की रक्षा कर सकता है. इसके अलावा मां के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और जिनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है उनको कोरोना से आसानी से बचाया जा सकता है. शुरू के छह माह तक बच्चे को केवल मां का दूध देना चाहिए क्योंकि उसके लिए वही सम्पूर्ण आहार होता है. इस दौरान बाहर का कुछ भी नहीं देना चाहिए. यहां तक कि पानी भी नहीं, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है |
मोहनपुरा पर तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. फातिमा ने बताया, "बदलते मौसम के दौरान यदि मां बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही है तो वह बच्चे को पूरी सावधानी के साथ स्तनपान कराये. ऐसी स्थिति में मास्क पहनकर ही बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए. खांसते और छींकते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू से ढक लें. छींकने और खांसने के बाद, बच्चे को अपना दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से 40 सेकण्ड तक धोएं. किसी भी सतह को छूने से पहले उसे साबुन या सेनेटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें |
डॉ. फातिमा ने बताया कि "यदि मां स्तनपान कराने की स्थिति में नहीं है तो वह मास्क पहनकर अपना दूध साफ कटोरी में निकालकर और साफ कप या चम्मच से बच्चे को दूध पिला सकती है. इसके लिए भी बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है कि अपना दूध निकालने से पहले हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह से धोएं, जिस कटोरी या कप में दूध निकालें उसे भी साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें या सेनिटाइज कर लें।
रिपोर्ट - संजय सिंह कासगंज.......