रंग तुम्हारे बिना अधूरी लगती महफिल है.। निर्झर' ने आयोजित किया 'रंग- स्मृति समारोह - Time TV Network

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रंग तुम्हारे बिना अधूरी लगती महफिल है.। निर्झर' ने आयोजित किया 'रंग- स्मृति समारोह

भव्य काव्य- संध्या में गीत- गज़लों की बही बयार..

वयोवृद्ध कवि सुरेश चन्द्र सक्सेना के कहानी संग्रह "मुक्ति बंधन"  का हुआ विमोचन



कासगंज । निर्झर साहित्यिक संस्था, कासगंज के तत्वावधान में, कासगंज जनपद के गौरव, गीत ऋषि सुकवि बलवीर सिंह "रंग" की स्मृति में 'रंग- स्मृति' समारोह बी. एस. डाइनामिक एकेडमी  में वरिष्ठ चिकित्सक डा० अखिलेश चन्द्र गौड़ की अध्यक्षता एवं डा० सुभाष चन्द्र दीक्षित के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ| विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाज सेवी विनोद वार्ष्णेय एवं सतीश चन्द्र माहेश्वरी उपस्थित रहे!


कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा माता सरस्वती एवं सुकवि रंग जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण किया गया, तत्पश्चात कार्यक्रम अध्यक्ष डा० अखिलेश चन्द्र गौड़ की अतिशय सरस शारदे वंदना, "माँ जन- जन डूबे रचना रस में,ऐसा निर्झर दे, माँ अक्षर वर दे" के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ हुआ| इसी क्रम में मनोज 'शलभ' ने पढा़,"रंग महासागर से लगते गीतों- गज़लों के" तत्पश्चात  मनोज 'मंजुल' ने पढ़ा, " रंग तुम्हारे बिना अधूरी लगती महफिल है..

" तत्पश्चात डा० राम प्रकाश 'पथिक' ने पढा़, "काव्य- प्रेमियों के मुखडों पर देकर सघन उदासी को, छोड़ गए थे 'रंग' हमें यूँ,आठ जून चौरासी को" होरी लाल व्यास ने  पढा, " सुप्त जवानी जाग उठी जब गीत सुनाये रंग ने..." डा० विमलेश अवस्थी ने सुनाया," शब्दों की मनमानी व्याख्या,अर्थ और अनुवाद बहुत है " कार्यक्रम का संचालन कर रहे 'निर्झर' के सचिव अखिलेश सक्सेना ने पढा़, " मेरी माँ की महिमा बड़ी निराली है, जो भी विपदा आई माँ ने टाली है, मैंने जो माँगा मइया से मिला मुझे, कैसे कह दूँ मेरी झोली खाली है " कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा० अखिलेश चन्द्र गौड़ ने रंग जी को समर्पित गीत पढा़, " गीत रचनाएँ नहीं ये, रंग के मोती धवल है

" वयोवृद्ध कवि सुरेश चन्द्र सक्सेना के काव्य- पाठ से पूर्व उनके कहानी- संग्रह "मुक्ति- बंधन" का अथितियों द्वारा विमोचन किया गया, उन्होंने पढा़ " वह पुष्प क्या जिसमें गंध न हो, और वह महफ़िल क्या जिसमें रंग न हो " कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा० सुभाष चन्द्र दीक्षित ने रंग जी के वृहद भाषायी ज्ञान एवं भावनात्मक गहराई का, अपने वक्तव्य में विशेष रूप से उल्लेख किया। अचिंत सक्सेना, विवेक झा, आदि ने भी सराहनीय काव्य- पाठ किया | कार्यक्रम में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष के. के. सक्सेना, गौ सेवा से जुड़े प्रभात शर्मा, सचिन पुंडीर, आदि की सराहनीय उपस्थिति रही! कार्यक्रम संयोजक मधुर पुंढीर ने सभी आगंतुकों के प्रति आत्मीय आभार व्यक्त किया!

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