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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में भोपाल जेल के कैदियों को सौगात


फालुन दाफा अभ्यास ध्यान अभ्यास शिविर से 3700 कैदी लाभान्वित, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा ने भी की सराहना।


भोपाल जेल के कैदियों के लिए दो सप्ताह का फालुन दाफा ध्यान अभ्यास शिविर का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित शिविर का आरम्भ 15 जून को किया गया, जिसमें हर रोज करीब 350 कैदियों ने फालुन दाफा के व्यायाम और ध्यान अभ्यास सीखे। शिविर में कुल 3700 कैदियों ने इस आध्यात्मिक अभ्यास का लाभ उठाया।    


जेल के कैदी कारागार की कठिन परिस्थितियों में अपनी सजा काटते हैं और अपने गुनाहों का प्रायश्चित करते हैं। कहने की आवश्यकता नहीं कि उन्हें सौहार्दपूर्ण वातावरण और अध्यात्म की गहन आवश्यकता है। यही सोच रखते हुए भोपाल निवासी श्री सुधीर गर्ग ने कैदियों को ध्यान अभ्यास सिखाने का निश्चय किया। सुधीर इंडियन आयल कारपोरेशन के सेवा निर्वत्त अधिकारी हैं। वे पिछले कई वर्षों से फालुन दाफा साधना पद्धति का अभ्यास कर रहे हैं।    





फालुन दाफा (या फालुन गोंग) मन और शरीर का एक प्राचीन उच्च स्तर का  साधना अभ्यास है, जिसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायाम सिखाये जाते हैं, किन्तु बल मन की साधना या नैतिकगुण साधना पर दिया जाता है। इसलिए यह हर उम्र और वर्ग के लोगों के लिए लाभदायक है। आज फालुन दाफा दुनिया भर में 100 से अधिक देशों में 10 करोड़ लोगों में लोकप्रिय है। 


श्री सुधीर गर्ग वर्षों से मधुमेह के रोगी होने के कारण कोई प्राकृतिक समाधान खोज रहे थे। हैदराबाद में उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें फालुन दाफा साधना पद्धति के बारे में मालूम पड़ा। इसके अभ्यास से उन्हें न केवल मधुमेह में आराम मिला बल्कि उनके जीवन के प्रति दृष्टिकोण में भी बदलाव आया। 


सेवा निर्वत्ति के बाद भोपाल आने के बाद श्री गर्ग इंदौर, रतलाम और बीकानेर के पुलिस कर्मियों और कैदियों के लिए फालुन दाफा अभ्यास की कार्यशालाएँ आयोजित कर चुके हैं। इससे पहले श्री गर्ग हैदराबाद और दिल्ली की पुलिस अकादमी में भी हजारों पुलिस कर्मियों को अभ्यास सिखा चके हैं।


जब भोपाल जेल अधीक्षक श्री राकेश भंगारे को फालुन दाफा के स्वास्थ्य लाभ और नैतिक शिक्षाओं की जानकारी मिली, उन्होंने भोपाल जेल के कैदियों के लिए फालुन दाफा अभ्यास शिविर आयोजित करने की अनुमति दी। 


अभ्यास सीखने वाले अधिकांश कैदियों ने फालुन दाफा के बारे में पहली बार सुना था। कई कैदियों ने कहा कि व्यायामों के अभ्यास से उन्हें शुभकारी शांति महसूस हुई और संगीत बहुत सुखदायक लगा। उनमें से अनेक ने शक्तिशाली ऊर्जा महसूस की।


एक कैदी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, "मेरे जीवन में कई समस्याएं थीं और मैं बिना किसी आशा के अपने आप से निराश हो रहा था। फालुन दाफा मेरे जीवन में एक नया मोड़ लेकर आया, मैं इस अभ्यास के कारण अपने ह्रदय को शांत करने में सक्षम हो पाया। इस अभ्यास को सिखाने और हमें सही रास्ता दिखाने के लिए मैं फालुन दाफा के संस्थापक को धन्यवाद देता हूँ।"


एक अन्य कैदी जो 15 महीने से अधिक समय से कोई अन्य अभ्यास कर रहा था, उसने फालुन दाफा के दो सत्रों में भाग लिया। उसने बताया कि अपने पिछले अभ्यास से जो उसने अनुभव किया वह इन दो सत्रों में जो हासिल हुआ उसकी तुलना में कुछ भी नहीं है। उसे शांति, आराम और एक नए जीवन की आशा महसूस हुई।

 

एक कैदी ने फालुन दाफा ध्यान मुद्रा की एक बहुत सुंदर रंगोली भी बनाई। फालुन दाफा अभ्यासियों की ओर से जेल पुस्तकालय के लिए फालुन दाफा पुस्तकें और सभी कैदियों को सूचना पत्रक दिए गए। 


21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, दौरे पर आये मध्य प्रदेश के गृह मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा को जेल कैदियों के लिए आयोजित किये जा रहे फालुन दाफा अभ्यास शिविर के बारे में अवगत किया गया।  उन्होंने अभ्यासियों के प्रयास की प्रशंसा की तथा मध्य प्रदेश की अन्य जेलों में भी फालुन दाफा शिविरों के आयोजन के लिए आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया।

 

चूंकि फालुन दाफा मन और शरीर का एक परिपूर्ण अभ्यास है, यह उन कैदियों के मन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है जो जेल में अक्सर अवसाद, क्रोध और अपराधबोध की भावनाओं से गुजरते हैं। आशा है कि भविष्य में और भी जेलों के कैदी इस अनोखे अभ्यास द्वारा अपने नैतिक चरित्र और स्वास्थ्य में सुधार लायेंगे और जिम्मेदार नागरिक बन सकेंगे।


यदि आप भी इस अभ्यास को सीखने के इच्छुक हैं तो www.LearnFG.in पर इसके नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। फालुन दाफा के बारे में अधिक जानकारी आप www.FalunDafa.org पर पा सकते हैं।

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