कोलकाता कोर्ट का बड़ा फैसला
भरण पोषण और मुआवजे की राशि के मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि पहले नौकरी कर रही पत्नी अब खाली नहीं बैठ सकती। और पति से अलग होने पर पूरा भरण पोषण नहीं मांग सकती। उसे अपना जीवन यापन करने के लिए खुद प्रयास करने चाहिए।
मामला यह भी है कि कोर्ट एक बच्चे और उसकी माँ की अपील पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें सत्र अदालत ने उस आदेश को चुनौती दे दी गई थी । जिसमें महिला को दिए जाने वाले गुजारा भत्ता के लिए 10 हजार रुपये से घटाकर 5 हजार रुपये और मुआबजे को 3 लाख से घटाकर 2 लाख कर दी गई थी।