जनपद कासगंज
बिना बन बिभाग के कानों में भनक के कैसे पेड़ों का कटान हो सकता है। दरअसल मामला संज्ञान में आया है कि ग्राम प्रधान मेहड़वाँ को एक चकरोट पढ़वाना था और उसी चकरोट पर कुछ पेड़ आढ़े आ रहे थे जिसके कारण प्रधान को कटवाना पढा था। लेकिन बन बिभाग से परमिशन नहीं ली गई थी जानकारी करने पर लकड़ी काटने वालों के द्वारा बताया गया कि हमें परमिशन के बारे में ज्ञान नहीं था।
लेकिन जानकारी यह भी मिली कि जब वहां कुुुछ लोग जो अपने आपको पत्रकार बता रहे थे जिन्होंने पेड़ों के कटान की दलाली के तौर पर कुुछ रकम मांगी रकम ना देंने पर शिकायत करने की धमकी दी दलाली ना दी तो उन्ही दलालों ने बनबिभाग को शिकायत कर दी । जब प्रभागीय बनाधिकारी कासगंज को जानकारी मिली तो तुरंत क्षेत्रीय बीट इंचार्ज को मौके पर भेजकर कार्यवाही के आदेश दिए गए। जब वहाँ बन दरोगा पहुंचे तो लकड़ी कटान करने वाले वहां से लकड़ी छोड़ भाग गए। बन दरोगा ने लकड़ी को अपने कब्जे में ले लिया अब देखना है क्या कार्यवाही होती है आगे कार्यवाही प्रचलित है।