गर्भवती व बच्चों के लिए जरूरी है आयोडीन - Time TV Network

Breaking news

Post Top Ad

Post Top Ad

गर्भवती व बच्चों के लिए जरूरी है आयोडीन

 

विश्व  आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस पर आयोडीन का महत्व बताया,किया जागरूक सीएमओ ने आयोडीन युक्त नमक का सेवन करने की अपील की


आगरा, 21 अक्टूबर 2023।

राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को विश्व  आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस (21 अक्टूबर) मनाया गया। कमला नगर स्थित लोकहितम ब्लड बैंक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने पत्रकार वार्ता करके आयोडीन अल्पता के बारे में जानकारी दी। 


मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि आयोडीन एक प्राकृतिक तत्व है जिस पर हमारे शरीर की महत्वपूर्ण  क्रिया व थायराइड ग्रंथि निर्भर हैं, जो कि शक्ति का निर्माण करती हैं और हानिकारक कीटाणुओं को मारती हैं। आयोडीन मन को शांति प्रदान करता है तथा तनाव कम करता है साथ ही मस्तिष्क को सतर्क रखता है। यह बाल, नाखून, दांत और त्वचा को उत्तम स्थिति में रखने में मदद करता है। आयोडीन की कमी से गर्दन के नीचे अवटु (थायराइड ) ग्रंथि की सूजन (गलगंड) हो सकती है और हार्मोन का उत्पादन बन्द हो सकता है, जिससे शरीर की सभी गतिविधियाँ अव्यवस्थित हो सकती हैं।






उन्होंने बताया कि गर्भवती के लिए आयरन के साथ आयोडीन का पोषक तत्व भी महत्वपूर्ण है। माँ के शरीर में आयोडीन की कमी के चलते पैदा होने वाले बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित हो सकता है। आयोडीन की कमी से नवजात शिशु के शरीर व दिमाग की वृद्धि व विकास में हमेशा के लिए रुकावट आ सकती है। छोटे बच्चों, नौजवानों व गर्भवती  के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है। आयोडीन की कमी के कारण बहुत से बच्चे ऐसे पैदा होते हैं जिनकी सीखने की क्षमता कम होती है और मंद बुद्धि का शिकार हो जाते हैं। इसलिए आयोडीन युक्त नमक का सेवन करें। गर्भवती व बच्चों को खासतौर से आयोडीन युक्त नमक का ही सेवन करना चाहिए। 


कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. पियूष जैन ने बताया कि गर्भवती को आयोडीन की अधिक आवश्यकता होती है, उन्होंने बताया कि आम व्यक्ति को 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है, वहीं गर्भवती में 200 से 250 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है। आयोडीन की कमी होने पर गर्भवती को स्टिल बर्थ, गर्भपात जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इसकी कमी से मन्द मानसिक प्रतिक्रिया, धमनियों में सख्ती एवं मोटापा हो सकता है। आयोडीन शरीर व मस्तिष्क दोनों की सही वृद्धि, विकास व संचालन के लिए आवश्यक है। आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो सकता है। घेंघा रोग होने पर शरीर में चुस्ती-स्फूर्ति नहीं रहती। सुस्ती व थकावट महसूस होती है। सामान्य व्यक्ति के मुकाबले उसमें काम करने की ताकत भी कम हो जाती है। घेंघा रोग के अलावा बच्चों में मानसिक मन्दता, अपंगता, गूंगापन, बहरापन का खतरा रहता है।


उन्होंने बताया कि मानसिक और शारीरिक विकास के लिए आयोडीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। शरीर में आयोडीन की कमी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करती है। चुस्त दुरुस्त रहने और बीमारियों से बचे रहने के लिए शरीर में आयोडीन की संतुलित मात्रा का होना जरूरी है। आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। 


आयोडीन की कमी के लक्षणः- कमजोरी होना, वजन बढ़ना, थकान महसूस होना, त्वचा में रूखापन, बाल झड़ना, दम घुटना, नींद अधिक आना, माहवारी अनियमित होना, हृदय गति धीमी होना तथा याददाश्त कमजोर होना आदि।


आयोडीन की कमी से बचाव कैसे करेंः - शरीर में आयोडीन की कमी न होने पाए, इसके लिए आयोडाइज्ड नमक का प्रयोग करें। एक वयस्क के लिए प्रतिदिन 150 माइक्रो ग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है। अधिक मात्रा में आयोडीन वाले आहार है मूली, शतावर (एस्पैरेगस रेसिमोसस), गाजर, टमाटर, पालक, आलू, मटर, खुंबी, सलाद, प्याज, केला,, स्ट्रॉबेरी समुद्र से प्राप्त होने वाले आहार, अंडे की जर्दी, दूध, पनीर और कॉड-लिवर तेल आदि।

Post Top Ad