निर्माणाधीन राजकीय राजमार्ग किसानों के लिए बना परेशानी का शबब । रातों रात खेतों को बनाया तालाब , मानकों से अधिक लगभग 15 फ़ीट किया खनन ।
कासगंज । आज के समय में राज्य सरकार राजमार्गों के निर्माण में बिशेष भूमिका निभा रही है ताकि आने वाले समय में विकास को नई रफ्तार मिल सके जिससे शायद ही कोई आमजन अन्विज्ञ हो । जिसमे सभी मुख्य मार्गों का या तो नव निर्माण कर दिया गया है या फिर उन्हें दुरुष्त कर दिया गया है । लेकिन जनपद कासगंज के किसानों के लिए यह परेशानी का शबब बना हुआ है । आये दिन किसानों के लिए आजीविका का डर सता रहा है क्योंकि बहुतायाद में किसानों की जमीन इस राज्यमार्ग चली गयी है जिसकी भरपाई सरकार द्वारा मुआवजे के रूप में कर दी गयी है लेकिन इसके विपरीत उन किसानों का क्या जिसमे राज्यमार्ग के निर्माण के लिए मिट्टी का खनन किया जा रहा है जिसका हर्जाना भी अधिकतर ठेकेदारों द्वारा किसानों को दे दिया गया है लेकिन कई स्थानों पर किसानों ने इस खनन के प्रति आपत्ति जताई है उनका कहना है कि उनकी खेतिहर जमीन इन खनन स्थलो की सीमाओं से जुड़ी हुई है और जनपद कासगंज में इसको लेकर पूर्व में भी किसान धरना दे चुके है हालांकि प्रशाशन द्वारा उन्हें संतुष्ट कर दिया लेकिन दिनांक 23/12/2023 को फिर जनपद कासगंज के थानाक्षेत्र ढोलना गांव राजपुर(राहीमनगर) के किसानों द्वारा उपजिलाधिकारी कासगंज को एक शिकायती प्रार्थना पत्र देकर राजकीय हाइवे निर्माण में प्रयुक्त मिट्टी खनन के विरुद्ध प्रार्थना पत्र दिया है ।
जिसमें किसानों ने बताया है कि हमारे खेतों की सीमाओं से मिलाकर ठेकेदारों ने खनन के नाम पर खेतों को तालाब में तब्दील कर दिया है जिसकी गहराई लगभग 15 फ़ीट है । जिससे आने जाने और भविष्य में खेती में समस्या होगी साथ ही मवेशियों , जंगली जानवरों और किसानों व बच्चों के लिए खतरे का डर बना रहेगा । जिनमे अधिकतर किसान ऐसे हैं जिनके जीवन यापन के लिए खनन स्थल के नजदीक जमीन के अलावा कोई अन्य आय का जरिया नहीं है । जहां किसानों का कहना यह भी है कि यदि खनन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो वे कोई भी अन्य ठोस कदम उठा सकते है ।
जब इस बारे में कासगंज उपजिलाधिकारी कोमल पवार से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि किसानों ने आज शिकायती पत्र दिया है जिसमें मानकों से अधिक मिट्टी खनन की बात कही गयी है जिसे गंभीरता से लेकर लेखपाल व अन्य कर्मियों को जांच के आदेश दे दिए गए है और जल्द से जल्द रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है वहीं जब इस बारे में जिला खनिज अधिकारी सुरेश कुमार से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि मिट्टी कटान मानकों में सिर्फ 2 मीटर की है अगर इससे अधिक खनन किया गया है तो कार्यवाही की जाएगी
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