यह कहावत बहुत बार सुनी होगी आपने कि पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते हैं आज यह कहावत को हकीकत का रूप दिया है कासगंज पुलिस ने, वाह कासगंज पुलिस वाह तेज तर्रार SP अंकिता शर्मा कमाल कर दिया इतनी तेज कार्यवाही कि 24 घण्टे में ही ADM के हत्यारे को दबोच लिया। अगर इसी तरह ताबड़तोड़ कार्यवाही चलती रही तो क्राइम पर अंकुश लग सकता है और अपराधी एक नहीं, एक हजार बार क्राइम करने से पहले सोचेगा। दरअसल दो दिन पूर्व रिटायर ADM की हत्या हुई थी जिनकी लाश गेस्ट हाउस में मिली थी । जिसके खुलासे के लिए अपराध पर अंकुश लगाने का तेजी से प्रयास कर रही तेज तर्रार कासगंज SP अंकिता शर्मा ने कासगंज सदर कोतवाली ,क्राइम ब्रांच,सर्विलांस पुलिस टीम का गठन किया था । तत्काल गठित टीमों ने अपना काम शुरू कर दिया और जांच में जुट गयीं। दो बीते भी नहीं कि पुलिस ने हत्यारे को हत्या इन प्रयुतक सब्बल सहित दबोच लिया। दरअसल ADM का उनका अपना ही नौकर निकला उनका हत्यारा जिसने ADM की हत्या को अंजाम दिया।
SP अंकिता शर्मा ने बताया कि हत्यारा नौकर धर्मेंद्र कश्यप नगला कंचन का निवासी है , पूर्व एडीएम का रिश्तेदार है। उसने चोरी की घटना को छिपाने के उद्देश्य से वारदात को अंजाम दिया। गेस्ट हाउस में बीते दिनों से काफी समय से चोरी की वारदात हो रही थीं, जिन चोरियों को नौकर ही अंजाम दे रहा था। पुलिस ने गेस्ट हाउस से चोरी हुए इन्वर्टर व दो बड़े बैटरा भी बरामद किए हैं।
पूर्व एडीएम राजेंद्र प्रसाद कासगंज के गोरहा के रहने वाले थे। इन दिनों इनका परिवार गाजियाबाद के वसुंधरा में रहता है। पूर्व एडीएम के पुत्र शुभम कश्यप व अन्य परिजन को नौकर धर्मेंद्र कश्यप पर शक नहीं था। शुभम ने जो तहरीर पुलिस थाने में दी थी, उसमें चोरी का तो जिक्र था लेकिन नौकर पर शक का कोई जिक्र नहीं किया गया था। शुभम ने एक युवक पर शक जताया था जिसके घर से चोरी का सामान बरामद हुआ था।हत्या से पहले नाैकर ने परिजनों को सूचना दी थी कि रिटायर एडीएम की तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए वह चाय पिलाकर जा रहा है। लेकिन इसके बाद नाैकर ने हत्या की बारदात को अंजाम दे दिया। सुबह नौकर धर्मेंद्र कपड़े बदलकर फिर से गेस्ट हाउस पहुंचा और उसने कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एडीएम साहब की आवाज सुनाई नहीं दी तो वह पीछे की ओर बने दरवाजे की ओर गया और वहां दरवाजा का कुंदा टूटा हुआ था। टूटे दरवाजे से वह अंदर पहुंचा तो शव टीनशेड के नीचे पड़ा हुआ था। आरोपी नौकर ने इस वारदात को अंजाम देकर अपने आप को बचाने के लिए ऐसी रणनीति रची कि परिजनों व पुलिस को उस पर शक ना हो। लेकिन पुलिस से कौन बच सकता है यह बात हत्यारोपी भूल गया और पुलिस के चंगुल में आखिर आ ही गया ।