एक दुष्कर्मी जेल में ही फांसी लगा ली और अपने आपको मौत के घाट उतार लिया। दुष्कर्मी को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई थी , लड़की की फोटो मिली थी और , लिखा था कि उतनी ही गुनाहगार तुम भी हो।
दर असल यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला जेल का है जहां शनिवार की शाम को एक कैदी ने फांसी लगाकर जान दे दी। कैदी को चार दिन पहले ही कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में 20 साल की सजा सुनाई थी।सूचना मिलने के बाद एसडीएम और तहसीलदार पहुंच गए थे। पंचनामा की कार्यवाही करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस को कैदी के पास से सुसाइड नोट और लड़की की फोटो बरामद हुई है। मौके पर परिजन भी पहुंचे हुए हैं। उन्होंने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
नाबालिग से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का था आरोप
जानकारी के मुताबिक, नवागढ़ क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट 25 मार्च 2022 को दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद से लड़की को पुलिस तलाश रही थी। करीब 15 दिन बाद आठ अप्रैल को पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया। उससे पूछताछ में पुलिस को बताया था कि पामगढ़ क्षेत्र के खैरा गांव निवासी बनवारी कुमार कश्यप उसे शादी का झांसा देकर ले गया था और दुष्कर्म किया। इस पर पुलिस ने 15 मई को बनवारी को गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया गया था।
चार दिन पहले ही सुनाई गई थी सजा
जिला कोर्ट के विशेष न्यायाधीश खिलावन राम रिगरी ने पांच अप्रैल 2023 को मामले की सुनवाई करते हुए बनवारी कुमार कश्यप को दुष्कर्म और पाक्सो के तहत दोषी माना। इसके बाद उसे 20 साल की सजा सुनाई थी। पुलिस ने बनवारी को जेल भेज दिया, लेकिन शनिवार शाम करीब 6.30 बजे उसने बैरक नंबर 10 के ऊपर बनी खिड़की में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सिटी कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची हुई थी और शव का रविवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
सुसाइड नोट, फोटो बरामद
कैदी बनवारी कुमार कश्यप के शव के पास से जेल प्रशासन को एक सुसाइड नोट भी मिला है। उसमें लिखा है कि, जितना गुनहगार मैं हूं, उतना ही गुनहगार तुम भी हो। प्यार एक तरफा नहीं होता है। साथ ही सुसाइड नोट के पास लड़की की तस्वीर भी बरामद की गई है। जेलर ने बताया कि शनिवार शाम कैदियों की गिनती करते हुए ताला बंद किया जा रहा था। 10 नंबर के बैरक में एक कैदी कम मिला। तलाश की गई तो फांसी से लटकता हुआ था। जेल प्रहरियो और उसके बैरक में कैद बंदियों से पूछताछ की जा रही है।बड़े भाई की जांच कार्यवाही की मांग
मृतक के बड़े भाई चैतराम कश्यप ने बताया कि, पांच अप्रैल को जब सजा हुई तो बनवारी सही सलामत था। जिसके बाद फोन के माध्यम से आठ अप्रैल की रात्रि को जिला अस्पताल आने की सूचना मिली। सुबह पहुंचे तो पता चला की बनवारी ने फांसी लगा ली है और उसकी मौत हो चुकी है। मृतक के बड़े भाई ने आरोप लगाया की जब कैदीयो के लिए जेल एक सुरक्षित जगह है तो उसने यह कैसे किया। इतनी सुरक्षा होने के बावजूद भी यह घटना हुई है। मृतक के भाई ने सही से जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।
फोटोग्राफी के साथ होगा पोस्टमार्टम
मामले की जांच के लिए जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के साथ फोटोग्राफी कराई जा रही है। मौके पर तहसीलदार पवन कोसमा भी मौजूद हैं। जेल प्रबंधक से मिली जानकारी के अनुसार सात अप्रैल को सजा मिलने के बाद युवक से कोई मिलने आया था। सजा के बाद परिजन देखने जेल नहीं गए थे तो मृतक के पास आखिर लड़की को फोटो कैसे पहुंचा। उसे मिलने कौन आया था। जेलर ने इस मामले में जांच की बात कही है। जब 10 नबर के बैरक में बंद अन्य कैदियों से पूछताछ की गई तब पता चला कि बनवारी कश्यप हमेशा उदास और गुमसुम रहता था। किसी से बातचीत भी नहीं करता और खाना नहीं खाया करता था।