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Kasganj-मामूली खांसी बुखार समझकर लेती रही दवाई, निकली टीबी की मरीज

 दस्तक अभियान मे 68 टीबी लक्षणयुक्त मरीज़ चिन्हित, दो में टीबी की पुष्टि


कासगंज, 20 मई 2023।

जनपद निवासी मोहल्ला नवाब निवासी 22 वर्षीय आयुषी  बी. ए फाइनल ईयर की स्टूडेंट हैं। उन्होंने बताया दो माह से उन्हें लगातार खाँसी, बुखार की शिकायत हो रही थी। वह सामान्य खाँसी व बुखार की दवा ले रहीं थीं , लेकिन दवा लेने पर भी आराम नहीं मिला। कुछ दिन पहले जब आशा बहनजी घर आईं उन्होंने घर के सभी व्यक्तियों से खाँसी बुखार की जानकारी ली। मुझे लगातार बुखार व खाँसी होने पर आशा बहनजी ने टीबी की जाँच कराने की सलाह दी और वह मुझे टीबी अस्पताल लेकर गईं, वहाँ एक्सरे बलगम व खून की जाँच में फेफड़ों की टीबी की पुष्टि हुयी। टीबी अस्पताल से ही मेरा उपचार 18 अप्रैल से शुरू कर दिया गया। डॉक्टर ने नियमित दवा का सेवन करने के लिए कहा, साथ ही दवा के साथ पोषण युक्त भोजन खाने के लिए सलाह दी।

जनपद में 17 अप्रैल से चलाए गए दस्तक अभियान में 30 अप्रैल तक आशाओं द्वारा 68 लक्षणयुक्त क्षय रोगियों को चिन्हित कर जाँच के लिए भेजा। बलगम व एक्सरे जाँच में दो क्षय रोगियों की पुष्टि हुई। विभाग द्वारा तुरंत ही उपचार भी शुरू कर दिया गया।

क्षय रोग नोडल अधिकारी डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया  वर्तमान में जनपद में  कुल 1853 टीबी मरीज़ उपचाराधीन हैं। दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आना, दो हफ्ते तक बुखार रहना, खांसी के साथ बलगम और खून आना, क्षय रोग के लक्षण हैं। इसके साथ सीने में दर्द होना, लगातार वजन का घटना भी क्षय रोग का लक्षण है। ऐसे लक्षण होने पर तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्रों जाँच कराएं। टीबी की पुष्टि होने पर तुरंत उपचार लें। उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को नियमित दवा का सेवन करना चाहिए, इसके साथ पोषण युक्त भोजन लेना चाहिए। उपचार के दौरान क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रूपये रोगी के बैंक खाते में भेजें जाते हैं|

संचारी नोडल अधिकारी डॉ.ए एन चौहान ने बताया कि अभियान में संक्रमित बीमारियों की खोज के साथ ही लोगों को साफ सफाई एवं पोषण युक्त भोजन लेने के लिए  जागरूक किया गया। डेंगू,मलेरिया, डायरिया जैसी संक्रमित बीमारी गंदगी व दूषित जलभराव के कारण फैलती है। विभाग के साथ सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि अपने घरों के आसपास कूड़ा, गंदगी व जलभराव न होने दें। 

जिला मलेरिया अधिकारी आलम सिंह ने बताया कि 30 अप्रैल तक चलाए गए दस्तक अभियान में 288 बुखार वाले मरीज़ चिन्हित कर मलेरिया की जांच कराई गई थी। सभी मरीजों की मलेरिया की रिपोर्ट नेगेटिव आई।11 कुपोषित बच्चे, 226 कोरोना संक्रमित मरीज चिंहित किए जिसमें 3 कोविड पॉजिटिव निकले। अभियान में 2.87 लाख घरों का सर्वे किया। 600 माता बैठक, 349 वीएचएनडी की बैठक, 723 एईएस बैठक की गईं।

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