कासगंज।
टी वी के मरीजों के बारे में पहले सुना होगा लेकिन आँख की टीवी के बारे में शायद कम सुना होगा आपको बता दें कि कासगंज जिले में पहली बार आंखों की टीबी का मामला सामने आया है। एक युवक में इसकी पुष्टि हुई है। यह युवक शहर के सोरों गेट क्षेत्र का रहने वाला है। आंखों में दिक्कत होने पर उसे जब चिकित्सक को दिखाया तो उसमें टीबी के लक्षण मिले।
इसके बाद उसकी जांच कराने पर आंखों की टीबी की पुष्टि हो गई। नेत्र रोग विशेषज्ञ सीएमएस डॉ. संजीव सक्सेना का कहना है कि फेफड़ों की टीबी के मरीज को आंखों की टीबी होने का खतरा रहता है, लेकिन बिना टीबी संक्रमण के भी यह बीमारी हो सकती है। इसमें नेत्र दिव्यांगता का खतरा सर्वाधिक है, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा के बाद अंधता की प्रमुख वजह आंखों की टीबी भी है। इसमें लक्षणों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में सीएमओ डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया कि टीबी संक्रामक रोग है। इसके कीटाणु फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करते हैं। पीड़ित को बेहद सावधानी रखने की जरूरत रहती है ताकि संक्रमण अन्य लोगों में नहीं फैले। जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की जांच और इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं।